दिल्ली: चमोली जिले के तपोवन क्षेत्र में रेणी गांव में एक बिजली परियोजना के पास अचानक हिमस्खलन के बाद धौलीगंगा नदी में जल स्तर बढ़ गया है. ऋषिगंगा और तपोवन हाइड्रो प्रोजेक्ट्स को भारी नुकसान हुआ है. जलस्तर बढ़ने के कारण किनारे पर बसे लोगों को घर से बाहर निकलने के लिए कहा जा रहा है. इस घटना में 150 लोगों से ज्यादा लोगों के हताहत होने की आशंका है और मरने वालों का संख्या 3 बताई जा रही है. यह संख्या अभी और बढ़ने की आशंका है.
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘ चमोली में हिमखंड टूटने से अचानक आई बाढ़ की स्थिति पर उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ,आईटीबीपी और एनडीआरएफ के महानिदेशक से भी बातचीत हुई और एयरलिफ्ट करके एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य के लिए भेजी गई है. संबंधित अधिकारी युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं. देवभूमि को हरसंभव सहायता दी जाएगी.
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘उत्तराखंड की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति निरंतर नजर रखे हुए हैं. भारत उत्तराखंड के साथ है और राष्ट्र सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहा है.’ उन्होंने कहा, राहत एवं बचाव कार्यों, एनडीआरएफ की तैनाती को लेकर लगातार वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर रहा हूं.
फिलहाल उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इस स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस अधिकारी और बचाव दल को निर्देश दिया गया है. साथ ही सीएम ने प्रभावित इलाके में फंसे लोगों की मदद के लिए आपदा परिचालन केंद्र सहायता नम्बर 1070 या 9557444486 जारी किया है और लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें.
राज्य के एनडीआरएफ की डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि ऋषिगंगा ऊर्जा परियोजना में काम करने वाले 150 से अधिक कामगार संभवत इस प्राकृतिक आपदा से सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘ऊर्जा परियोजना में काम करने वाले 150 से अधिक कामगारों से संपर्क भी नहीं हो पा रहा है.’ हादसे को लेकर उत्तरप्रदेश में हाईअलर्ट जारी किया गया है.