दिल्ली: उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति रहे हामिद अंसारी का कार्यकाल 2017 में पूरा हुआ था. पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने हाल ही में अपनी नई किताब ‘बाय मैनी ए हैप्पी एक्सीडेंट: रीकलेक्शन ऑफ़ ए लाइफ’ को हाल ही में रिलीज किया है. इस किताब में उन्होंने कई अनसुने और दिलचस्प किस्सों के बारे में बताया है. हामिद अंसारी ने बताया कि राज्यसभा के सभापति के तौर पर उन्होंने तय किया था, कि कोई भी विधेयक हंगामे के बीच पारित नहीं होगा उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके दफ्तर में आए और उनसे पूछा कि शोरगुल के बीच विधेयक क्यों पास नहीं कराया जा रहा है.
हंगामे के बीच विधायक ना पारित होने देने के अपने फैसले के बारे में हामिद अंसारी ने किताब में लिखा है कि ‘दोनों यूपीए और एनडीए इससे नाखुश थे. लेकिन बीजेपी गठबंधन को लगा कि लोकसभा में बहुमत ने उसे राज्यसभा में प्रक्रिया अवगत बाधाओं पर हावी होने का नैतिक अधिकार दे दिया है. मुझे इस बारे में आधिकारिक तौर पर उस वक्त मालूम चला तब पीएम मोदी बिना कार्यक्रम के मेरे कार्यालय में दाखिल हुए’.
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पीएम मोदी बोले- ‘आप मेरी मदद नहीं कर रहे हैं’
हामिद अंसारी ने अपनी किताब में बताया कि,’मैं हैरान था लेकिन मैंने उनका स्वागत किया. उन्होंने कहा कि आप से उच्च जिम्मेदारियों की अपेक्षा है लेकिन आप मेरी मदद नहीं कर रहे हैं. मैंने कहा कि राज्यसभा में और उसके बाहर मेरा काम सार्वजनिक है. उन्होंने पूछा कि शोरगुल में विधायक क्यों नहीं पास कराए जा रहे हैं? मैंने कहा कि सदन के नेता और उनके सहयोगी जब विपक्ष में थे तो उन्होंने इस नियम की सराहना की थी कि कोई भी विद्या का हंगामे में पारित नहीं कराया जाएगा और मंजूरी के लिए सामान्य कार्यवाही चलेगी’.
दो घटनाओं ने नाराजगी पैदा की
पूर्व उपराष्ट्रपति ने अपनी किताब में अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों के बारे में बताया कि,’मुझे बाद में पता चला कि मेरे कार्यकाल के आखिरी हफ्ते में दो घटनाओं ने कुछ वर्गों में नाराजगी पैदा की और समझ गया कि उसके छिपे हुए अर्थ थे. पहला, बेंगलुरु के नेशनल लॉ स्कूल ऑफ यूनिवर्सिटी के 25वें दीक्षांत समारोह के दौरान मैंने सहिष्णुता से आगे जाकर स्वीकार्यता के लिए सत्य बातचीत के जरिए सद्भाव को बढ़ावा देने पर जोर दिया क्योंकि हमारे समाज के विभिन्न वर्गों में असुरक्षा और आशंका बढ़ी है खासकर दलितों, मुसलमानों और ईसाइयों मे’.
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दूसरा, उन्होंने मुसलमानों पर बयान जिक्र किया उन्होंने बताया कि राज्यसभा टीवी पर करण थापर को दिया साक्षात्कार था. जूनागढ़ 2017 को प्रसारित हुआ जिसमें उप राष्ट्रपति के कार्य के सभी पहलुओं पर बातचीत की गई इसमें ‘अनुदार राष्ट्रवाद’ और भारतीय समाज और राजनीति में मुसलमानों को लेकर धारणाओं के बारे में सवाल भी शामिल थे अंसारी ने अपनी किताब में बताया कि, ‘कुछ सवाल बेंगलुरु में मेरे संबोधन पर केंद्रित है और कुछ अगस्त 2015 में ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरत में दिए गए भाषण को लेकर भी थे. उनका जवाब देने के दौरान मैंने कहा- मुसलमानों में बेचैनी और असुरक्षा की भावना आ रही है. मैंने कहा कि जहां भी सकारात्मक कार्रवाई की जरूरत है, वहां इसे किया जाना चाहिए और अपनी राय रखी कि भारतीय मुस्लिम अनूठे हैं और चरमपंथी विचारधारा से आकर्षित नहीं होते हैं’.