दिल्ली: आज किसान और सरकार के बीच दसवें दौर की बातचीत होगी. अब तक सरकार और किसानों के बीच नौ दौर की बात बेनतीजा रही है. एक तरफ जहां किसान तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे है. वहीं सरकार केवल संशोधन की बात कर रही है. किसान गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली निकालने की तैयारियों में भी लगे है. हालांकि आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना पुलिस का काम है.
सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच आज दसवें दौर की बातचीत होगी और इसके साथ ही किसान आंदोलन को आज 56 दिन दो जाऐंगे. मूल रूप से मंगलवार को वार्ता की योजना बनाई गई थी, लेकिन उसे एक दिन 20 जनवरी तक वापस कर दिया गया था. केंद्र सरकार ने कहा कि दोनों पक्ष जल्द से जल्द गतिरोध को हल करना चाहते हैं लेकिन अन्य विचारधाराओं के लोगों के शामिल होने के कारण इसमें देरी हो रही है. वहीं दूसरी तरफ किसान भी गणतंत्र दिवस के लिए ट्रैक्टर रैली निकालने की तैयारी में है. इस मार्च के खिलाफ पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इसे रोकने की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने इसपर कोई भी फैसला नहीं दिया.
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त नई दिल्ली में अपनी पहली बैठक की और इसके सदस्यों ने कहा कि वे किसान संगठनों और सरकार के विचारों को समझते हुए प्रदर्शनकारी किसानों को "समझाने" की कोशिश करेंगे.आपको बता दें कि इस सीमित के सदस्यों को लेकर भी किसानों में काफी विरोध देखा गया था. इस पर मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा कि एक व्यक्ति को किसी भी समिति का सदस्य बनने से सिर्फ इसलिए अयोग्य घोषित नहीं किया जा सकता , क्योंकि वह पहले इस विषय पर एक राय रखता है.