दिल्ली: उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से आयी आपदा का असर दिल्ली के जलपूर्ति पर भी हो सकता है. बाढ़ आने की वजह से गंगा में गन्दगी का स्तर बढ़ गया है, जिस कारण दिल्ली के प्रमुख जल शोधन संयंत्रों की क्षमता पर असर पड़ रहा है. रविवार को दिल्ली जल बोर्ड के उपध्यक्ष राघव चड्ढा ने ट्वीट करते हुए लोगों से पानी का सही तरह से उपयोग करने के लिए कहा.
ट्विटर लिंक: दिल्ली जल बोर्ड
जल बोर्ड के अध्यक्ष ने ट्विट में बताया कि उत्तराखंड में आई बाढ़ की वजह से गंगा के पानी में गंदगी बढ़ गई है. इस पानी को गंगा कैनाल के जरिए दिल्ली में लेकर पानी की आपूर्ति की जाती है. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि गंदगी की वजह से बाढ़ के पानी में गंदगी का स्तर 8000 नेफ्लोमेट्रिक टर्बिडिटी यूनिट(एनटीयू) तक पहुंच गया है. इस वजह से सोनिया विहार और भागीरथी जल शोधन संयंत्र अपनी क्षमता से कम चल रहे हैं.
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चड्ढा ने कहा कि परेशानियों को देखते हुए अलग अलग इलाकों में जल टैंकर की व्यवस्था की जा रही है. साथ ही साथ गंगा में गन्दगी को काम करने के लिए भी काम किया जा रहा है. चड्ढा ने ट्वीट में लिखा कि टर्बिडिटी का संबंध पानी की शुद्धता से होता है, उन्होंने कहा कि पानी में गन्दगी होने के कई कारण हो सकते हैं. इसमें कचरा, सिल्ट, गाद, पेड़ पौधों के अवशेष, ग्लेशियर का पिघलना, राख, धूल और केमिकल आदि शामिल हैं.