दिल्ली: रविवार को उत्तराखंड के जोशमीठ में नंदादेवी ग्लेशियर के फटने की वजह से धौलीगंगा में बाढ़ आ गयी. जिसके कारन एक जलविद्युत परियोजना में काम कर रहे करीब 170 श्रमिक लपट हो गए हैं. आज सुबह तक 10 लोहों के मरे जाने की खबर आयी है. उत्तराखंड में मची तबाही के कारण कई पावर प्लांट को नुक्सान हुआ है. भारतीय सेनाओं के साथ कई दाल रहत कार्य में जुटे हुए हैं. इंडियन एयरफोर्स ने जानकारी दी की तापवान विष्णुगढ़ हाइड्रो पावर प्लांट पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है.
अभी तक की आयी तस्वीरों में साफ़ दिखाई दे रहा है कि धौलीगंगा और ऋषिगंगा नदी पर बने बाँध भी पूरी तरह नष्ट हो गए हैं. ये क्षेत्र देहरादून से करीबन 280 किलोमीटर की दूरी पर है. तपोवन के पास बने मलारी घाटी की शुरुआत में बनें दो पुल नष्ट हो गए हैं. घाटी स्तिथ निर्माण कार्य और स्थानीय लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. सरकार की तरफ से रविवार शाम को रहत सामग्री पहुंचाई गई.
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NTPC अधिकारीयों ने प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी देते हुए बताया की हर तरफ मलबा हो गया है. उन्होंने बताया कि 520 मेगावाट का तपोवन हाइड्रो-इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य जारी था. जिसकी लगत 3000 करोड़ रूपए है, बाढ़ में करीब साईट पर स्तिथ 170 श्रमिक लापता हैं. बचाव दल कार्यों में जुटे हुए हैं और सुरंग में फसे कई मजदूरों को निकला जा चूका है.