दिल्ली (Delhi). सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई करते हुए सिविल सर्विस की परीक्षा देने वाले प्रत्याशियों को अतिरिक्त मौका देने वाली याचिका खारिज कर दी है. ऐसे में वे प्रत्याशी जो 2020 में आयु सीमा के चलते यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में आपना आखिरी प्रयास देने वाले थे लेकिन कोरोना के चलते नहीं दे सके, उन्हें एक अतिरिक्त मौका नहीं मिल सकेगा.
जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में आयु वर्जित होने वाले प्रत्याशियों को राहत देने से मना कर करते हुए याचिका खारिज कर दी है. यह निर्णय न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर, न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की तीन सदस्यीय पीठ ने लिया है. इस फैसले का असर करीब 2000 से ज्यादा प्रत्याशियों पर पड़ेगा.
गौरतलब है कि मामले में याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी कि वह कोविड-19 महामारी की वजह से यूपीएससी सीएसई प्रीलिम्स 2020 (upsc cse prelims 2020) में उपस्थित नहीं हो पाए. इसके बदले में उन्हें यूपीएससी सिविल सेवा प्रीलिम्स 2021 में अतिरिक्त प्रयास दिया जाए. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि वो यूपीएससी परीक्षा में आयु वर्जित हो चुके उम्मीदवारों को भी एक मौका देने पर विचार करे.
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वहीं केंद्र ने यूपीएससी के उम्मीदवारों को एक अतिरिक्त मौका देने के लिए सहमति व्यक्त की थी, लेकिन यह सहमति सिर्फ उनके लिए थी जो उम्मीदवार आयु सीमा के भीतर हैं. ऐसे उम्मीदवार जिन्होंने 2020 की परीक्षा में अपने सभी अवसरों को समाप्त कर दिया था और अपना आखिरी प्रयास देने वाले थे उन्हें यह अवसर नहीं मिलेगा. याचिकाकर्ता चाहते थे कि आयु सीमा को एक बार के उपाय के रूप में हटा दिया जाए, लेकिन सरकार इससे सहमत नहीं है. ऐसे में यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा (UPSC Civil Services Exam) के लिए अंतिम प्रयास वाले प्रत्याशियों को अतिरिक्त मौका देने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया.