नई दिल्ली: (New Delhi) देश में वेब सीरीज का चलन काफी प्रचलित हो गया है. इसके चलते कुछ वेब सीरीज़ काफी फेमस भी हुईं है. अब वेब सीरीज़ को लोग काफी पसंद भी करने लगे हैं. मिर्ज़ापुर वेब सीरीज़ को भी काफी पसंद किया था. इस वेब सीरीज़ को रोकने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका डाली गई है.
सर्वोच्च न्यायालय ने मिर्जापुर वेब सीरीज़ के खिलाफ दायर अर्जी की सुनवाई पर वेब सीरीज़ के निर्माता, ओटीटी प्लेटफार्म व अमेजन प्राइम व केन्द्र से जवाब मांगा है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट में मिर्जापुर के एक रेजिडेंट्स सुजीत कुमार सिंह ने अर्जी में कहा कि इस वेब सीरीज़ में मिर्जापुर को आतंक का अड्डा, अपराध व अवैध गतिविधियों का गढ़ बताया गया है.
याचिका में कहा गया है कि वेब सीरीज़ में पूरे मिर्जापुर के हर निवासी को बदमाश, व्यविचारी एवं घुमक्कड़ बताया गया है. साथ ही कहा गया कि इस पूरे वंब सीरीज़ में नग्नता और असभ्य भाषाओं का इस्तेमाल किया गया है. याचि की ओर से गुहार लगाई गई है कि इस वेब सीरीज़ को ओटीटी प्लेटफार्म पर सीधे रिलीज करने से पहले इन फिल्मों को प्री स्क्रीनिंग कमेटी जांच करे. वेब सीरीज को ओटीटी प्लेटफार्म पर डायरेक्ट रिलीज करने से पहले सूचना व प्रसारण मंत्रालय का सर्टिफिकेट होना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एसए बोबड़े की अगुवाई वाली पीठ ने इस केस में केन्द्र, अमेजन प्राइम और निर्माता को नोटिस जारी किया है. याची का कहना है क मिर्जापुर वेब सीरीज़ के जरिए पूरे शहर के कल्चर व ऐतिहासिक इमेज को खराब किया गया है. साथ ही कहा गया कि वेब सीरीज में ये भी दिखाया गया है कि कैसे डिस्ट्रिक्ट एडमिनिट्रेशन गुंडों के हाथ की कठपुतली है. इसमें महिला को अपने नौकर से सेक्सुअल रिलेशन में दिखाया गया है.