दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल 26 जनवरी को हुई हिंसा की जांच किसान हिंसा के आधार पर नहीं बल्कि खालिस्तान के आधार पर करेगी. बता दें कि, 26 जनवरी को हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने अभी तक देशद्रोह व गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन विधेयक (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज नहीं किया है, और ना ही हिंसा की साजिश रचने के आधार पर कोई धारा लगाई है.
दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ 14 जनवरी को स्पेशल सेल की नॉर्दन यूनिट में यूएपीए व देशद्रोह के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. एसएफजे ने पम्फलेट जारी किया था. जिसमें इंडिया गेट पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को 25,000 अमेरिकी डॉलर इनाम के तौर पर देने का ऐलान किया गया था. किसान हिंसा के बाद इस एफआईआर को स्पेशल सेल ने नॉर्दन रेंज से लोधी कॉलोनी स्थित नई दिल्ली रेंज को ट्रांसफर कर दिया था. तब यह कहा गया था कि, राष्ट्रीय पर्व के मौके पर तिरंगे का अपमान हुआ और साजिश के तहत हिंसा हुई. यह भी कहा गया था कि इस एफआईआर में कुछ धाराएं जोड़कर किसान हिंसा की जांच की जाएगी.
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इसी बीच इजरायली दूतावास के पास बम धमाका हुआ और लोधी कॉलोनी रेंज बम धमाके की जांच में लग गई, और एफआईआर अब वापस नॉर्दन रेंज को लौटा दी गई है. इस पर नॉर्दन रेंज के अधिकारियों का कहना है कि, इस मामले को लेकर अभी खालिस्तान के आधार पर जांच हो रही है. किसान हिंसा को लेकर अभी जांच शुरू नहीं की गई है, अगर किसी गिरफ्तारी के बाद किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में साजिश सामने आती है, तो इसमें साजिश रचने की धाराएं जोड़ दी जाएंगी.