दिल्ली: कारतूस की तस्करी करने वाले गिरोह का दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पर्दाफाश किया है. अंबाला गन हाउस के मालिक (अमित राव) समेत छह लोगों (रमेश, दीपांशु, दोनों सगे भाई इकराम, अकरम के साथ मनोज) को गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से 4500 कारतूस बरामद किए गए हैं, और साथ में पुलिस ने इनके पास से हुंडई कार, टाटा मंजा और मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं. गिरफ्तार आरोपियों में गन हाउस मालिक समेत दो ने एमबीए किया हुआ है. यह लोग गन हाउस से कारतूस लेकर दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में बदमाशों को इनकी अवैध रूप से सप्लाई करते थे.
स्पेशल सेल डीसीपी संजीव कुमार यादव के मुताबिक, एसीपी जसबीर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर विवेकानंद पाठक व कुलबीर सिंह की टीम ने एएसआई संजीव कुमार को मिली सूचना के बाद मुकुंदपुर फ्लाईओवर, आउटर रिंग रोड पर घेराबंदी कर गांव रसूलपुर से रमेश कुमार और दीपांशु मिश्रा को 14 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. बता दें रमेश करनाल हरियाणा का रहने वाला है, और दीपांशु यूपी के इटावा का निवासी है. रमेश हुंडई कार से दीपांशु को कारतूस की खेप देने आया था. दीपांशु टाटा मंजा कार से आया था और इसके पास से 4000 कारतूस बरामद किए गए हैं. पुलिस टीम ने जयपुर से मुख्य सप्लायर अमित राव को भी 16 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया था.
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इसके बाद अमित ने दीपांशु समेत कई लोगों को अवैध रूप से कारतूस अप्लाई करने की बात स्वीकार की, और रमेश से पूछताछ के बाद पुलिस ने शामली रोड करनाल से इकराम और उसके भाई अकरम गिरफ्तार कर लिया गया. अकरम के पास से 500 कारतूस बरामद किए गए हैं. इसके बाद मनोज कुमार नाम के एक और शख्स को भी गिरफ्तार किया गया. मनोज रमेश से लगातार कारतूस लेता रहता था. सभी आरोपी रमेश से अवैध कारतूस की खेप लेते थे. मनोज कुमार के पास आर्म्स लाइसेंस हैं. जिसकी आड़ में ये कारतूस की तस्करी करता था.
बता दें कि रमेश कुमार अंबाला गन हाउस के मालिक अमित राव के यहां नौकरी करता था. और दीपांशु मार्केटिंग में एमबीए है और नोएडा की एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता था. इसके पिता का इटावा में गन हाउस था. जो इतने पिता की मौत के बाद बंद कर दिया. जिसके बाद यह रमेश से कारतूस लेकर तस्करी करने लगा। दीपांशु एक कारतूस ₹125 से लेकर 200 से 250 में आगे बेचता था.