दिल्ली: सिंघु बॉर्डर से दिल्ली-हरियाणा की सीमा पार करने पर लोगों को 10 गुना किराया चुकाना पड़ रहा है. बता दें कि, बीते 74 दिनों से सिंघु बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन चल रहा है. गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस की तरफ सुरक्षा के इंतजामों को सख्त कर दिया गया हैं. बैरिकेडिंग से होकर पैदल भी पार नहीं किया जा सकता है. इसका फायदा ऑटो, ई-रिक्शा व बसों के चालक उठा रहे हैं. मुख्य रास्ता बंद होने के कारण ऑटो, ई-रिक्शा और डग्गामार बसें सिंघु गांव व कोंडली के रास्ते दिल्ली-सोनीपत-बहालगढ़ के बीच चल रही हैं.
दिल्ली सोनीपत के बीच टूटे-फूटे व घुमावदार रास्ते के पूरे सफर का किराया 10 रूपये से बढ़़कर 100 रूपये तक कर दिया गया है. पहले किराया 10 रूपये होता था, जहां के लिए इस वक्त ऑटो, ई-रिक्शा और बस चालक सौ रुपए वसूल रहे हैं. पुलिस बैरिकेडिंग के नजदीक से चलने वाली सेवाएं इस वक्त आवाजाही का इकलौता जरिया बनी हुई है. लेकिन, दिल्ली की तरफ से जाने वाले वाहनों को बैरिकेडिंग से डेढ़ किलोमीटर पहले लौटा दिया जाता है. इसके बाद बैरिकेड तक पहुंचने के लिए लोगों को पैदल जाना पड़ता है, करीब 1.5 किलोमीटर पैदल चलने के बाद लोगों की जेब का खर्चा बढ़ गया है. इस वजह से सोनीपत की फैक्ट्रियों में काम करने वाले लोगों को रोज आने-जाने में ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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साथ ही, सिंघु गांव से कुंडली पहुंचने के लिए खेतों के बीच से गुजरते उबड़-खाबड़ रास्तों से करीब 3 किलोमीटर तक हिचकोले लेते हुए हर यात्रियों को 20 से 30 रूपये खर्चा करने पड़ते है. गांव के पास लगे बैरिकेड से बहालगढ़ के लिए वाहन चालक सौ रूपये आवाज लगाते रहते हैं. अगर किसी व्यक्ति को हरियाणा जाना हो तो इसके लिए उन्हें अधिक खर्च करना होगा. इसके बाद ही वे वहां पहुंच सकते हैं. इस दौरान कई बार रास्तों में वाहनों के जाम से भी जूझना पड़ता है, जबकि रास्ता खराब होने की वजह से सफर में काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है.