
स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 इस बार मार्च में होगा , जिसका मतलब है कि नगर परिषद के साथ शहरों को भी अपनी स्वच्छता रैंकिंग सुधारने के लिए दो माह को समय मिला है इसलिए शहरवासियों का पूरा प्रयास अपने क्षेत्र को साफ करने और सर्वेक्षण में भाग लेने के लिए करना चाहिए क्योंकि इस बार 3200 अंक सर्विस लेवल और सिटीजन वाइस के होंगे. लेकिन साथ ही पिछले वर्षों में ये भी देखा गया है कि लोग सर्वेक्षण में खुलकर भाग नहीं लेते, इसके अलावा फीडबैक देने में भी पीछे होते है, जिसके कारण शहरों की रैंकिंग भी पिछड़ती है.
स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 इस बार छह हजार अंकों का होगा. सिटीजन वाइस व सर्टिफिकेशन के 3600 अंक और सर्विस लेवल प्रोग्रेस के 2400 अंक होंगे. सिटीजन वाइस में लोगों की ओर से शहर के बारे में दी जाने वाली फीडबैक के 600, अनुभव के 300, इंगेजमेंट के 450, स्वच्छता एप के 350 व इनोवेशन के 100 अंक हैं. सिटीजन फीडबैक के लिए लोगों से ऑनलाइन आठ सवाल पूछे जा रहे हैं कि आप इस सर्वे के बारे में जानते हैं या नहीं, पिछले सर्वेक्षण में आपके शहर को कौन सा स्थान मिला था और साफ-सफाई के अलग-अलग स्तरों पर शहर को कितने अंक देंगे. सिटीजन इंगेजमेंट के तहत निकाय की ओर से कितने लोगों को सरकार की विभिन्न स्कीमों से जोड़ा गया. लोगों ने अपनी ओर से स्वच्छता को लेकर जागरूकता कार्यक्रमों में भाग लिया या नहीं. शहरों की साफ-सफाई के बारे में जैसे स्लम बस्ती, सार्वजनिक स्थल, पार्क, फ्लाइओवर आदि की स्वच्छता पर लोगों का कैसा अनुभव रहा. स्वच्छता एप की मदद से कितनी शिकायतों का समाधान किया गया. वही इनोवेशन में निकाय की ओर से सफाई, कूड़े के निस्तारण व स्वच्छता को लेकर कितने नए-नए आइडिया पर काम किया गया और यह आइडिया कितना कारगर साबित हुआ, ऐसे सवाल के जवाब देने होंगे। यह सब सिटीजन वाइस के तहत ज्यादा से ज्यादा अंक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
स्वच्छता सर्वेक्षण में इस बार जल संरक्षण पर भी खास ध्यान दिया गया है. स्वच्छता सर्वेक्षण में इस बार जल संरक्षण को भी अंक होंगे। सर्टिफिकेशन के 700 अंकों में से एक तिहाई अंक जल संरक्षण के होंगे। इसमें सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और सामुदायिक शौचालय के पानी का रियूज तथा पार्कों में रेन वाटर हार्वेस्टिग को लेकर क्या-क्या इंतजाम किए गए हैं। जल संरक्षण की दिशा में जितने ज्यादा प्रबंध किए गए होंगे, शहर को उतने ही अच्छे अंक मिलेंगे।