दिल्ली: दिल्ली के विजय चौक पर आज होगा ‘बीटिंग द रिट्रीट’ कार्यक्रम का आयोजन. इस साल का ‘बीटिंग रिट्रीट’ समारोह काफी अलग और खास होने वाला है. इस बार ‘बीटिंग- रिट्रीट’ की शुरुआत 1971 युद्ध में पाकिस्तान पर मिली जीत के लिए तैयार की गई खास धुन से होगी. इस धुन का नाम ‘स्वर्णिम विजय’ दिया गया है. पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध में भारत की जीत को 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में इस धुन को तैयार किया गया है. 15 सैन्य बैंड और रेजिमेंटल सेंटरों और बटालियनों के इतनी ही संख्या में ड्रम बंद समारोह में शामिल हैं. दर्शकों को रोमांचित करने के लिए लगभग 26 से अधिक संगीतमय कार्यक्रम होंगे.
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कार्यक्रम की समाप्ति ‘सारे जहाँ से अच्छा’ की धुन से होगी. इसके अतिरिक्त नौसेना, वायुसेना और सशस्त्र पुलिस बालों का एक-एक बैंड भी शामिल होगा. कोरोना प्रोटोकॉल को देखते हुए इस बार ‘बीटिंग रिट्रीट’ में सिर्फ 5 हजार लोग ही शामिल हो सकेंगे। बता दें कि ‘बीटिंग द रिट्रीट’ भारत के गणतंत्र दिवस समारोह की समाप्ति का सूचक है. इस समारोह में थल सेना, वायु सेना, और नौसेना के बैंड पारम्परिक धुन के साथ मार्च करते हैं, हर साल गणतंत्र दिवस के बाद 29 जनवरी की शाम को ‘बीटिंग द रिट्रीट’ कार्यक्रम का आयोजन होता है. राष्ट्रपति के विजय चौक आते ही उन्हें सैल्यूट किया जाता है, इसी दौरान राष्ट्रगान होने के बाद तिरंगा फेहराया जाता है.
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राष्ट्रपति भवन के सामने रायसीना रोड पर इसका प्रदर्शन किया जाता है. गणतंत्र दिवस समारोह का समापन ‘बीटिंग द रिट्रीट’ के साथ ही होता है. इस कार्यक्रम के लिए राष्ट्रपति भवन, विजय चौक, नार्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, बेहद खूबसूरत तरीके से सजाए जाते हैं. ये समारोह सेना के बैरेक वापसी का प्रतीक है, दुनियभर में ‘बीटिंग रिट्रीट’ की परंपरा रही है. भारत में बीटिंग रिट्रीट की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी.