दिल्ली: (Delhi) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मंगलवार को कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान संवाद में कांग्रेस में मचे कलह को लेकर राहुल गांधी का दर्द छलका. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में अंदरुनी लोकतंत्र को बढ़ावा देने की बात कई सालों से कर रहा हूं. इसके लिए खुद की पार्टी के लोगों ने मेरी आलोचना की थी. पार्टी के लोगों से कहा कि पार्टी में अंदरुनी लोकतंत्र लाना निश्चित तौर पर जरुरी है.
राहुल गांधी ने कहा कि मैं एक दशक से कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र के पक्ष में रहा हूं. मैंने युवा व छात्र संगठन में चुनाव को बढ़ावा दिया है. मैं पहला ऐसा व्यक्ति हूं, जिसने पार्टी में लोकतांत्रिक चुनावों को महत्वपूर्ण माना है. उन्होंने कहा कि हमारे लिए कांग्रेस का अर्थ आजादी के लिए लड़ने वाली संस्था, जिसने भारत के लिए संविधान दिया. हमारे लिए लोकतंत्र व लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं बरकरार रखना जरूरी है.
राहुल गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के द्वारा लगाए गए आपातकाल पर भी बात की. 1975 में इंदिरा गांधी की तरफ से लगाई गई इमरजेंसी पर उन्होंने कहा कि हां वो गलती थी, लेकिन तब जो हुआ व और आज जो हो रहा है, उसमें फर्क है. अपनी गलती मानना साहस का काम होता है. हमें संसद में बोलने की इजाजत नहीं है. न्यायपालिका से उम्मीद नहीं है. RSS-BJP के पास काफी आर्थिक तातकत है. व्यवसायों को विपक्ष के पक्ष में खड़े होने की अनुमति नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी संस्थानों का लाभ उठाने का प्रयास नहीं किया. मौजूदा सरकार भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही है.