दिल्ली (Delhi). बजट सत्र के दौरान अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कृषि कानूनों को समर्थन दिया. उन्होंने कहा कि इन कानूनों के जरिए किसानों को और भी अधिकार प्राप्त होंगे. आत्मनिर्भर भारत के लिए किसानों का आत्मनिर्भर होना बहुत जरूरी है. इसके साथ ही उन्होंने सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करने की बात भी कही है.
राष्ट्रपति ने कहा, ‘वर्तमान में इन कानूनों का अमलीकरण देश की सर्वोच्च अदालत ने स्थगित किया हुआ है. मेरी सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्णय का पूरा सम्मान करते हुए उसका पालन करेगी.’ तीनों कृषि कानूनों और सरकार का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा, ‘आत्मनिर्भर भारत के लिए कृषि का आत्मनिर्भर होना बहुत जरूरी है. पिछले 6 साल में हमारी सरकार ने बीज से लेकर बाजार तक कई सकारात्मक पहल किए हैं. स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट भी लागू की है जिससे किसानों को उनकी उपज का डेढ़ गुना एमएसपी मिल सके’. उनका कहना था कि उनकी सरकार नए कानूनों के संदर्भ में भ्रम दूर करने की कोशिश कर रही है.
अपने अभिभाषण में आगे बढ़ते हुए उन्होंने कहा, ‘मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है. बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं.’
गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा को बताया दुर्भाग्यपूर्ण:
इस दौरान राष्ट्रपति कोविंद ने गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले पर हुए हिंसक प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए.