दिल्ली : गुरूवार को भारत में भी सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स से जुड़े नये नियम जारी कर दिए गए. इस बाबत केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सभी सोशल मीडिया कंपनियां भारत में व्यापार कर सकते हैं लेकिन सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल पर शिकायत के लिए फोरम भी होना चाहिए. सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल पर मंत्रालय ने व्यापक विचार-विमर्श कर दिसंबर 2018 में एक मसौदा तैयार किया गया. ओटीटी नियमों के लिए विदेशों से भी मंत्रालय ने कहा हम बहुत जल्द एक महत्वपूर्ण सोशल मीडिया इनर्मीडीएरी के लिए यूजर्स की संख्या बताएंगे. उन्हें शिकायत के लिए फोरम रखना होगा. आपको एक शिकायत अधिकारी का नाम भी देना होगा जो शिकायत को 24 घंटे के भीतर दर्ज करेगा और 15 दिनों में निस्तारण करना होगा.
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रोद्योगिक मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया पर किए गए गलत ट्विट के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी क्योंकि यह केवल भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था, विदेशी राज्यों के साथ संबंध , बलात्कार और यौन रूप से स्पष्ट सामग्री आदि के संबंध में होनी चाहिए.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमने सोशल मीडिया को 2 श्राणियों में बांटा है. एक इंटरमीडरी और दूसरा सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया इंटरमीडिर . सिग्निफिकेंट मीडिया इंटरमीडरी का अतिरिक्त काम होगा और इसके लिए जल्द ही उपभोगताओं की संख्या का नोटिफिकेशन जारी करेंगे. वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि हमने ओटीटी प्लेटफार्मों के लिए 3 स्टेयर मैकेनिज्म बनाने का निर्णय लिया है. ओटीटी और डिजिटल समाचार मीडिया को अपने कविवरण का खुलासा करना होगा. हम पंजीकरण अनिवार्य नहीं कर रहे हैं, हम बस जानकारी मांग रहे हैं.
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दरअसल ओटीटी प्लेटफार्मों में अपशब्दों , यौन हिंसा और आपत्तिजनक कंटेंट के कारण एक सख्त नियम की मांग की जा रही थी और ये मांग तब और तेज हो गई , जब तांडव सीरिज आई. इस सीरिज पर लोगों ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा था . हालांकि और भी ऐसे कई कंटेंट ओटीटी प्लेटफार्म्स पर दिखाए जा रहे है.