दिल्ली: राजधानी दिल्ली में फंड को लेकर एमसीडी और प्रदेश सरकार के बीच गर्मागर्मी का माहौल बना हुआ है. बता दें कि, एमसीडी के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं है. और दूसरी तरफ दिल्ली सरकार पर फंड का दुरुपयोग करने के आरोप भी लग रहे हैं. दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार और एमसीडी में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सत्ताधारी है, इन दोनों के बीच फंड के उपयोग को लेकर जुबानी जंग जारी है. इसी बीच नॉर्थ एमसीडी ने सैलरी संकट से निपटने के लिए 1000 से अधिक दुकानों को फ्री होल्ड करने का ऐलान किया है.
नॉर्थ एमसीडी के मेयर जय प्रकाश ने कहा कि दिल्ली में बहुत से बाजार ऐसे हैं जहां से दुकानों का तय मासिक किराया भी एमसीडी को नहीं मिल पा रहा हैं. ज्यादा किराया होने का कारण बता कर कई तो किराया ही नहीं देते ले आजा फैसला लिया गया है कि दुकानों को अभी लीज होल्ड से फ्री होल्ड किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे दुकानदार खुद को दुकानों का मालिक समझेंगे दुकानों को फ्री होल्ड करने से ना सिर्फ एमसीडी को रेवेन्यू मिलेगा बल्कि दुकानदार भी किराएदार से मालिक बन सकेंगे.
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मेयर का कहना है कि 6 साल पहले इन दुकानों का किराया तय किया गया था, आगे मेयर जयप्रकाश ने कहा कि, 29 ऐसे बाजार है जिनको केंद्र सरकार के लैंड एंड डेवलपमेंट विभाग ने मेंटेनेंस के लिए एमसीडी को ट्रांसफर किया था इन दुकानों की संख्या 1113 बताई गई है जिन 29 बाजारों की दुकाने फ्री होल्ड करने की योजना है. उनमें पुरानी दिल्ली के श्रद्धानंद मार्केट की 150 दुकानें, कुतुब रोड राम नगर मार्केट की 117 दुकानें, पहाड़गंज की अमृता कौर मार्केट की 162 दुकानें, जखीरा चारा मार्केट की 108 दुकानें और वेस्ट पटेल नगर खन्ना मार्केट की 124 दुकानें शामिल हैं. उत्तरी दिल्ली के मेयर जय प्रकाश ने बताया कि कन्फेडरेशन ऑफ एमसीडी एम्पलॉइज यूनियन ने आश्वासन के बाद अपनी हड़ताल खत्म कर दी है.