दिल्ली: दिल्ली पुलिस के सिपाही आशीष कुमार दहिया को आज भी याद हैं अपने दादा जी की दी हुई सीख, “पेड़-पौधे बच्चे हैं तो प्रकृति उनकी माँ” यह सीख उनको इतनी अछि लगी की उन्होंने प्रकृति को बचाने का ठान लिया. जब आशीष दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए तो उनकी पोस्टिंग इंडिया गेट पर हुई. उन्होंने देखा की लोग इंडिया गेट की सड़क पर प्लास्टिक की बोतले यूँ ही फेक देते थे. आशीष उन बोतलों को उठाकर और उनमे पौधे लगाकर यह आने वाले लोगों को तोहफे में दे देते हैं. आशीष ने बताया की उनका पूरा परिवार प्रकृति को बचाने की मुहीम में उनके साथ हैं. और उनको लगता है कि इससे कुछ लोग सबक लेकर इस मुहीम से ज़रूर जुड़ेंगे.
उनके इस काम से प्लास्टिक वेस्ट से निपटने में मदद मिलती है, और लोगों में भी प्रकृति के प्रति रुझान बढ़ता है. जब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारीयों को आशीष के इस नेक काम पता चला तो उन्होंने उनकी खूब तारीफ की और पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने आशीष को मिलकर शाबाशी दी. आशीष ने पूर्व आयुक्त को भी पौधा भेंट किया था. आशीष कुमार मूलरूप से हरयाणा के रहने वाले हैं, वो 2012 में दिल्ली पुलिस चालक सिपाही भर्ती हुए थे. उन्होंने अपनी इस मुहीम में पिछले 9 सालों में 2 हजार से ज्यादा पौधे लगाकर लोगों को तोहफे में दिए हैं. आशीष की इस मुहीम का समर्थन करने के लिए उन्हें निजी संस्थाओं ने सम्मानित भी किया है.