दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन को लेकर उसका रूख साफ कर दिया है. जो बाइडन ने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच मुकाबले वैश्विक शक्तियों के बीच संघर्ष की बजाय प्रतिस्पर्धा का रूप है. इससे पहले भी अमेरिका की ओर से चीन की विस्तारवादी नीतियों का विरोध करते रहने जैसे बयान सामने आ चुके है.
जो बाइडन ने सीबीएस को दिए एक इंटरव्यू में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को लेकर बयान दिया. बाइडन ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति पद संभालने के बाद अब तक शी जिनपिंग से कोई बात नहीं की है. आगे उन्होंने कहा, ‘जिनपिंग एक बहुत कठोर व्यक्ति हैं. उनमें लोकतंत्र की समझ नहीं है. एक लोकतांत्रिक देश को चलाने के लिए जो गुण चाहिए, वह उनमें नहीं हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘ मुझे नहीं लगता है कि मैंने उनकी कोई आलोचना की है. मैं वही कह रहा हूं, जो सही है. शी जिनपिंग की बॉडी में एक लोकतांत्रिक, छोटी डी, हड्डी नहीं है’. हालांकि अभी तक चीनी सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. चीन और अमेरिका के बीच तल्खियां पहले से जगजाहिर है और चीम समुद्र में अमेरिका की बढ़ती गतिविधियों से भी चीन नाराज चल रहा है. ऐसे बाइडन का यह व्यंग्य दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ाने वाला है.
ईरान को लेकर स्पष्ट जवाब-
इंटरव्यू में बाइडन ने ईरान को लेकर भी अमेरिका का रूख साफ किया है. ईरान से प्रतिबंध हटाने के सवाल पर बाइडन ने कहा, ‘ ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों को तब तक नहीं हटाया जाएगा जब तक कि वह परमाणु समझौते का अनुपालन नहीं करता है.2018 से ही पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने परमाणु समझौते से अमेरिका को बाहर करते हुए ईरान पर कठोर प्रतिबंध लगा दिए थे.