दिल्ली : सऊदी अरब और अमेरिका के बीच रिश्ते काफी अहम मोड़ पर है. दरअसल जमाल खशोगी की हत्या को लेकर अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने बहुत बड़ा खुलासा किया है. जो बाइडेन सरकार ने यह खुलासा किया है कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के कहने पर ही पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या की गई थी. हालांकि क्राउन प्रिंस ने अमेरिका के इन दावों को खारिज कर दिया है. साल 2018 में खशोगी की तुर्की के इस्तांनबुल मेें हत्या कर दी गई थी.
हालांकि ट्रंप सरकार के समय सऊदी अरब और अमेरिका के बीच रिश्ते काफी अच्छे थे . हाल ही के दिनों में ट्रंप के दामाद जैरेड कुशनेर और क्राउन प्रिंस के बीच वॉट्सऐप चैट को लेकर भी खुलासे हुए हैं लेकिन एक्सपर्ट्स के ये भी मानना है कि क्राउन प्रिंस से समझौता करना इतना आसान नहीं है. वो बेहद ताकतवर है और पिछले साल उनपर मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर भी सऊदी अरब पर सवाल उठे थे . एक्सपर्ट्स का ये भी मानना है कि हालात अगर नाजुक हुए तो प्रिंस अपने देश को एक ‘रफ स्टेट’ बना सकते हैं और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन कर दूसरे देशों के लिए खतरा भी बन सकते है. वैसे देखा जाए तो अमेरिका अपने तेल की जरूरतों के लिए तो सऊदी अरब पर निर्भर नहीं है लेकिन सऊदी अरब अपनी रक्षा जरूरतों के लिए अमेरिका पर निर्भर करता है.
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भारत के हित कैसे प्रभावित होंगे –
भारत के हित दोनों देशों के रिश्ते अगर खराब होते है तो काफी प्रभावित होगें. भारत अपनी तेल की जरूरतों को पूरा करने के लिए सऊदी अरब से आयात करता है और अमेरिका भारत के लिए कई मायनों में बेहद जरूरी रक्षा से लेकर तकनीकी और रणनीति बहुत सारे क्षेत्र में भारत और अमेरिका एक साझेदार है. ऐसे में अगर अमेरिका सऊदी अरब पर किसी तरह का प्रतिबंध लगाता है या सऊदी अरब भी कोई कड़े कदम उठाता है तो तेल के दामों में उछाल देखने को मिल सकता है. भारत में वैसे ही तेल की कीमत आसमान छू रही है और अगर अमेरिका भारत पर सऊदी अरब के साथ व्यापार न करने का दवाब बनाता है तो यह भारत की संप्रभुता पर भी बड़ा खतरा होगा क्योंकि भारत को अपने फैसले लेने का स्वयं सक्षम है.