दिल्ली: (Delhi) लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उठे तमाम मुद्दों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि आंदोलन कर रहे सभी किसान साथियों की भावना का सदन और सरकार आदर करती है, करती थी. किसान आंदोलन पर बात करते हुए पीएम बोले बातचीत में किसानों के संकाय क्या है ढ़ूंढ़ने का प्रयास किया गया. कृषि मंत्री नरेन्द्र जी ने समझने का प्रयास किया. बातचीत में कोशिश की गई कुछ बदलने के लिए क्या है. वह अब भी इंतजार कर रहे हैं कि अगर कुछ कन्विंसिंग है तो सुनने को तैयार है.
पीएम मोदी ने कहा कि ये कानून ऑर्डिनेंस के द्वारा लागू हुए. इसके बाद ना मंडी बंद हुई ना एमएसपी बंद हुआ. उनके भाषण के दौरान विपक्ष की तरफ से खूब हंगामा किया गया. लोकसभा में काले कानून बंद करने का नारे लगाए गए. भाषण जारी करते हुए पीएम ने कहा कि एमएसपी में बढोतरी हुई. उन्होंने कहा कि ये हो-हल्ला सोची समझी हुई साजिश है. जैसा हल्ला बाहर करते हैं वैसे ही बाहर करते रहो, इससे लोगों का भरोसा नहीं जीत पाएंगे.
विरोध के दौरान पीएम ने कहा कि पिछले कानून से क्या छिन लिया गया. ये कानून ऑप्शनल हैं. ये व्यवस्था की गई है. ये कानून किसी के लिए बंधनकर्ता नहीं है. जहां कानून थोपे गए हों वहां विरोध बनता है. आंदोलन का तरीका होता है. आंदोलनकारी ऐसे तरीके नहीं अपनाते, आंदोलनजीवी ऐसे तरीके अपनाते हैं. पुरानी मंडियों पर कोई पाबंदी नहीं है. ये निर्णय सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय के लिए हैं.
विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष को जिन बातों पर कहना चाहिए वो नहीं कह रहे हैं. ये कानून अनिवार्य नहीं है, ऑप्शनल है. ट्रिपल तलाक, बाल विवाह, शादी की उम्र, बेटियों को संपत्ति का अधिकार, शिक्षा का अधिकार के लिए किसी ने मांग नहीं की थी. बदलाव के कानून जरुरी होते हैं. कांग्रेस का विरोध करने पर पीएम ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने करीब-करीब 6 दशक तक शासन किया ये पार्टी का ये हाल हो गया है. पार्टी का लोकसभा में एक तरफ अगल चलता है. ‘कंफ्यूज पार्टी न खुद का भला करती है और न ही देश की समस्या का समाधान कर सकती है’.
पीएम मोदी ने कहा कि मैं किसान आंदोलन को पवित्र मानता हूं. भारत के लोकतंत्र में आंदोलन का महत्व है. जब आंदोलनजीवी आंदोलन को अपने लाभ के लिए इस्तेमाल करते हैं. ये ठीक नहीं. टोल प्लाजा सभी सरकारों की तरफ से की गई व्यवस्था है. ये व्यवस्था न चलने देना ठीक नहीं. पवित्र आंदोलन को बर्बाद करने का काम आंदोलनजीवियों ने किया है. देश को आंदोलनजीवियों से बचाना जरुरी है.