दुनिया के सामने भारत,भारतीयता को रखना हम सब के लिए उदाहरण है,जब सरकार खुद को सेक्युलर दिखाने की कोशिश कर रही हो,उस को देखते हुए ये अद्भुत है,महर्षि महायोगी जी के उस कालखंड के लिए नमन करते हैं, अयोध्या सूर्यवंश की राजधानी रही है,ये अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि है
कौन भारतीय इस गौरव से गर्वित न महसुस करता होगा, 2017 ने हमने यहां दीपोत्सव कार्यक्रम प्रारंभ किया
दुनिया के कलाकारों को यहां बुलाया, इंडोनेशिया से रामायण कलाकारों को बुलाया,इंडोनेशिया के कलाकार मुस्लिम थे, उन्हें बाद मे मुख्यमंत्री आवास बुलाया था….थाईलैंड, के राजा राम के वंशज मानते है,लाओस अपनी परंपरा को यहां से जुड़ा मानते हैं, इंडोनेशिया मुस्लिम बाहुल्य राष्ट्र के लोग पूरी तन्मयता भाव से रामायण से जुड़े थे
मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने कहा कि राम से हमारा आत्मीय सम्बन्ध है,अयोध्या आना हमारे लिए गौरव की बात है,
राम हमारे आस्था केप्रतीक हैं,और हमारे पूर्वज हैं,हमारे पूर्वजो ने उपासना विधि बदली होगी,लेकिन राम हमारे पूर्वज हैं
हमारी एयरलाइंस का नाम गरुण है,भगवान विष्णु के वाहन के नाम पर है,राम हम सबके पूर्वज हैं, हम आस्था से जुड़े हैं
इसलिए भारत ही नही विश्व मानस भी अयोध्या से जुड़ने में गर्व महसूस करता है,इस बार के दीपोत्सव में श्रीलंका के राजदूत वहां की शिला लेकर आये थे
राम और धर्म एक दूसरे के पूरक हैं, यही तो राम और सनातन धर्म की विशेषता है,अयोध्या ने 500 से ज्यादा वर्षो का संघर्ष को झेला है,मुहम्मद गोरी के समय से पहके सालार मसूद गाज़ी तक ने हमारी भावनाओं को छिन्न भिन्न किया,लेकिन अयोध्या ने उसे खामोशी से नही झेला, हमने प्रतिकार किया,जो अत्याचार करते थे उसके मुहतोड़ जवाब देने के लिए अयोध्या खड़ा हुआ
जब मंच मिला तो 5 अगस्त को प्रधानमंत्री ने राम मंदिर शिलान्यास कर दिया,अब कोई संदेह की स्थिति नही बची
महाभारत जैसा महाग्रंथ कहीं नहीं होगा…महाभारत में सब कुछ निहित है जो हमारे वेदों में हैं जो हमारे पुराणों में हैं,एक साजिश हुई थी कि महाभारत जैसे ग्रंथों को लोग अपने घरों में न रखे,महाभारत ग्रंथ का रूप श्रीमदभगवत गीता भी है जिसे देश में राष्ट्रीय ग्रंथ माना जाता है,हमारे न्यायालयों में उसे साक्षी माना जाता है