दिल्ली: सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने पत्नी को पीटने वाले एक आदमी की अग्रिम जमानत की याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा कि ससुराल में पत्नी को लगी किसी भी तरह की चोट के लिए पति ही जिम्मेदार होगा. न्यायाधीश एसए बोबडे की बेंच ने कहा कि ससुराल में महिला पर भले ही किसी अन्य रिश्तेदार ने हमला किया हो, लेकिन इसके लिए पति ही जिम्मेदार माना जाएगा.
क्या है मामला
अपनी पत्नी से मारपीट करने वाले आरोपी पति की ये तीसरी शादी है, वहीँ महिला की ये दूसरी शादी है. शादी के एक साल बाद साल 2018 में महिला ने बच्चे को जन्म दिया था. साल 2020 के जून में महिला ने लुधियाना पुलिस में अपने पति और ससुरालवालों के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी. महिला का आरोप था कि दहेज की मांग पूरी न करने पर उसे उसके पति, ससुर और सास ने बेरहमी से पीटा था.
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आरोपी पक्ष के वकील ने अपने मुवक्किल को अग्रिम जमानत दिए जाने का अनुरोध किया. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि ”आप किस तरह के आदमी हैं? कि अपनी पत्नी को पीटने के लिए क्रिकेट बैट का इस्तेमाल करते हैं? महिला ने पति पर गाला दबाकर मारने और गर्भपात पर मजबूर करने का आरोप लगाया था.
सुप्रीम कोर्ट के इस सवाल पर जवाब में आरोपी के वकील कुशाग्र महाजन ने कहा, महिला ने खुद आरोप लगाया है कि उसके ससुर उसे बैट से पीटा करते थे, तो इस पर सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके पिता या आप उसे बैट से पीटा करते थे. जब ससुराल में एक महिला को किसी भी तरह की चोट लगती है, तो प्राथमिक जिम्मेदारी पति की होती है. बता दें कि इससे पहले इसी मामले में पंजाब और हरयाणा हरियाणा हाईकोर्ट ने भी पति को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था.