नई दिल्ली। जिले के गुड़ाबांधा में स्थित बेशकीमती पन्ने के भंडार पर देश-विदेश के तस्करों की नजर वर्षों से है। रुपये का लालच दिखा रत्नों के तस्कर स्थानीय ग्रामीणों से ही पन्ने का अवैध खनन करवाते हैं। पत्थरों के बीच से पन्ना तलाशने के लिए तस्करों ने यहां के लोगों को रैट माइनिंग की ट्रेनिंग दी और यहां से अकूत संपदा ले जाकर मालामाल हो रहे।
बता दें पन्ना की तस्करी में पिछले दस सालों में अब तक 38 लोग जेल जा चुके हैं और लगभग सात करोड़ का पन्ना जब्त हो चुका है। वर्ष 2008 में इस क्षेत्र में तस्करी का खेल शुरू हुआ। पहले क्वाटर्ज पत्थर की तस्करी की जाती थी और उसी पत्थर की तलाश में ग्रामीण पन्ना तक पहुंचे। दरअसल क्वाटर्ज पत्थर का इस्तेमाल साबुन बनाने में किया जाता है।
तस्करों ने ही इस इलाके में आकर पहले ग्रामीणों की पन्ना निकालने के लिए रैट माइनिंग की ट्रेनिंग दी। क्योंकि पन्ना बायोटाईट सिस्ट में यहां था इसलिए उसे किस तरह से निकाला जाना है, कैसे सुरंग बनानी है, उसकी भी विधि बतायी।