दिल्ली: (Delhi) दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSSB) की तरफ से प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में 2 बार जातिगत प्रश्न पूछने के केस में कड़कड़डूमा कोर्ट ने आरोपितों के विरुद्ध अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत मुकद्दमा दर्ज करने का आदेश दिया है. निर्देश के मुताबिक इस अधिनियम में सक्षम अधिकारी की ओर से केस की जांच की जाए और उसकी मासिक रिपोर्ट अदालत के सामने पेश की जाए.
दरअसल 2018 व अगस्त 2019 में DSSSB ने प्राथमिकी शिक्षक भर्ती एग्जाम में अनुसूचित जाति से संबंधित आपत्तिजनक सवाल पूछे. इसे लेकर अधिवक्ता डॉ. सत्यप्रकाश गौतम ने कड़कड़डूमा कोर्ट में अर्जी दायर कर केस दर्ज करने की मांग की थी. शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया था कि अनुसूचित जाति वर्ग का अपमान करने के लिए उनसे जानबूझकर ये प्रश्न पूछे गए थे.
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इस मामले में DSSSB की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि उच्चाधिकारियों की समिति से जांच कराने के पश्चात ये प्रश्न बनाने वालों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है. इतना ही नहीं डीएसएसएसबी ने बंद लिफाफे में अदालत को उन लोगों की सूचना दी थी, जिन्होंने ये प्रश्न पत्र बनाए थे. अदालत में सुनवाई के दौरान DSSSB के चैयरमैन संतोष वैद्य ने इस केस में खेद भी जताया था. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रविन्द्र बेदी की अदालत ने इस केस में आरोपितों के विरुद्ध अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत केस दर्ज करने का आदेश दिया है.