दिल्ली: आज किसान आंदोलन को 83 दिन हो चुके है. बीते सोमवार टिकरी बॉर्डर पर किसानों ने कहा कि उनका आंदोलन भी लंबा चलेगा. ऐसे में उनके वालंटियर आसपास के गरीब बच्चों को खाली समय में पढ़ाया करेंगे. सोमवार को आंदोलन स्थल पर घूम रहे बच्चों को बुलाकर किताबें और कॉपियां दी गईं. कुछ समय तक इन्हें यहां पर पढ़ाया भी गया.
बीते सोमवार को किसान नेता अनूप सिंह चानौत ने कहा कि सरकार इतनी आसानी से किसानों की बात नहीं मानेगीं, आंदोलन कर रहे किसान इस बात को जानते हैं. ऐसे में किसान आंदोलन आयोजन समिति ने बच्चों को पढ़ाने का फैसला लिया है. बच्चों के लिए पर्याप्त किताबों का प्रबंध किया जा रहा है. अनूप सिंह ने आगे कहा कि गरीब तबके के बच्चे यहां दिनभर आंदोलन में ही इधर-उधर भटकते रहते हैं. जब तक यह आंदोलन चलेगा यह बच्चे आगे भी ऐसे ही घूमते रहेंगे. बातचीत करने पर बच्चों पैसे और किताब नहीं होने की बात करते हैं. इसीलिए इन बच्चों को अब यहीं पर पढ़ाने का निर्णय लिया गया है.
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बता दें कि सोमवार को टिकरी बॉर्डर पर किसानों की संख्या में बढ़त नजर आई. यहां पर महिलाओं और बच्चों की भागीदारी ज्यादा रही. महिलाओं ने हरियाणवी गीतों के माध्यम से, तो वही छोटे बच्चों ने भी कविता और कहानियां की प्रस्तुति देकर लोगों में जोश भरने का काम किया.
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि सरकार उनके आंदोलन के साथ-साथ उनके समर्थकों को भी दबाने की कोशिश कर रही है. लेकिन उनका आंदोलन लगातार ज्यादा मजबूत और जन जन का आंदोलन बनता जा रहा है. किसान पीछे नहीं हटेंगे बल्कि अपने आंदोलन को लगातार मजबूत करने के इरादे से तेज काम करेंगे. सरकार मनमानी तरीके से तीनों काले कानून किसानों पर लाना चाहती है. जिससे किसानों का अस्तित्व ही मिट जाएगा. इस कानून से केवल पूंजीपति ही रह जाएंगे. किसानों ने आगे की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है. सोमवार को टिकरी बॉर्डर पर किसान नेताओं ने अपने रेल रोको अभियान को लेकर बैठक की. यह आंदोलन कब खत्म होगा यह कह पाना किसी के लिए आसान नहीं है.