दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानून के विरोध में आज 18 फरवरी को किसान रेल रोको आंदोलन करेंगे. दोपहर 12 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक रेल रोकने का ऐलान किया है. किसान नेताओं का कहना है कि इस रेल रोको आंदोलन के दौरान दौरान यात्रियों को चाय पिलाई जाएगी. बीच रास्ते में ट्रेन रोकने से बचा जाएगा। रेलगाड़ियों पर माला पहनाकर रेलगाड़ियां रोकी जाएंगी. दिन के समय कम ट्रेन आवाजाही करती हैं, इसलिए किसानों ने दिन के चार घंटों का समय चुना गया है.
किसानों के रेल रोको आंदोलन के ऐलान के बाद दिल्ली, हरयाणा और यूपी से सटे स्टेशनों पर RPF ने चौकसी बढ़ा दी है. सुरक्षा के लिए आरपीएफ की अतिरिक्त कंपनियां लगाई गई हैं. स्टेशनों तक पहुँचने के मुख्या रास्तों के साथ- साथ और भी रस्ते बंद कर दिए गए हैं. देशभर में आरपीएफ की 20 विशेष टास्क फोर्स लगाई गई है, किसी तरह की आपात स्तिथियों से निपटने के लिए स्टेशनों के आस पास बैरिकेडिंग बढ़ा दी गयी है.
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क्या हैं नियम
अगर रेलवे संचालन में किसी भी तरह की बाधा डालने की कोशिश की जाएगी तो उसके खिलाफ रेलवे ऐक्ट के तहत कार्रवाई की जा सकती है. बता दें अगर ट्रेन पर किसी तरह का सामान फेंका जाए या पटरी को नुकसान पहुंचा तो दोषी को रेलवे ऐक्ट की धारा 150 के तहत उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है. धारा-174 के अनुसार अगर ट्रैक पर बैठकर या कुछ रखकर ट्रेन रोकी जाती है तो दो साल की जेल या 2,000 रुपये के जुर्माने या फिर दोनों सजा हो सकती है. रेलवे कर्मचारियों के काम में बाधा डालने पर, रेल में जबरदस्ती घुसने पर धारा 146, 147 के तहत छह महीने की जेल या एक हजार रुपये का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है.