दिल्ली: (Delhi) दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन करते हुए किसानों को 54 वां दिन हो चुका है. कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान गणतंत्र दिवस पर राजधानी के आउटर रिंग रोड पर तिरंगे के साथ ट्रैक्टर परेड निकालेंगे. इस दौरान गणतंत्र दिवस समारोह में कोई रुकावट नहीं डाली जाएगी. किसान संगठनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये रणनीति बनाई.
अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे किसानों की सरकार से 10 मीटिंग हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है. किसानों की सरकार से अगली मीटिंग मंगलवार को होगी. जहां सरकार बिल में संशोधन करने की बात करने वाला है तो वहीं किसान भी तीनों बिलों को रद्द करने की जिद पर अड़े हुए हैं.
किसान आंदोलन पर केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का कहना है कि उम्मीद है कि किसान हर कानून पर क्लॉजवाइज चर्चा करेंगे व बताएंगे कि कानून वापसी के अलावा क्या विकल्प हो सकते हैं. वहीं किसान सरकार से नाराज हैं और कह रहे हैं कि वह करीब दो महीने से ठंड में मर रहे हैं. सरकार हमें तारीख पर तारीख दे रही है व मुद्दों को लंबा खींच रही है, जिससे हम थककर जगह छोड़ दें.
रविवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्रांतिकारी किसान यूनियन के मुखिया दर्शन पाल ने कहा कि एनआईए यानि नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी ने उन लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने शुरु कर दिए हैं, जो किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं. सभी किसान यूनियन इसकी निंदा करते हैं. भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को लेटर लिखकर दिल्ली के रामलीला मैदान में आंदोलन करने की अनुमति मांगी है. बता दें, राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने किसानों से जुड़े 50 से ज्यादा नेताओं व कारोबारियों को समन भेजा है.