दिल्ली: नए कृषि कानून के विरोध में किसान संगठनों का विरोध जारी है इसे देखते हुए सिंधु पर सभी मूल सुविधाएं ठीक की जा रही हैं. आंदोलनकारी किसानों ने धरने को लंबे समय तक चलाने के लिए धरना स्थल पर सीसीटीवी कैमरे एलईडी स्क्रीन लगा दी है. साथ ही, आंदोलन स्थल पर इंटरनेट की कनेक्टिविटी कम होने के कारण ऑप्टिकल फाइबर बिछाने की तैयारी की जा रही है.
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी दिए जाने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही है उन्होंने बताया कि आंदोलन स्थल पर 100 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे वॉलिंटियररों को हिंडोन कैमरों से लैस किया जाएगा। सिंधु बॉर्डर के विरोध स्थल पर लॉजिस्टिक से जुड़े दीप खत्री ने कहा कि लंबे समय तक आंदोलन जारी रखने के लिए संचार समेत सभी सुविधाओं को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है मंच के पीछे कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है सीसीटीवी कैमरा के साथ डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर भी लगाए जाएंगे.
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आंदोलनकारियों का कहना है कि किसानों का आवागमन जारी है यदि कुछ किसान खेती के लिए गांव जाते हैं तो सैकड़ों की संख्या में लौट आते हैं किसान आंदोलन कमजोर नहीं हुआ है। बुधवार को भाग्य ने के नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि आंदोलन लंबा खिंचेगा और आने वाले दिनों में पूरे देश में इसका विस्तार होगा। बता दें कि, किसान 26 नवंबर से सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. आंदोलन को मजबूत करने के लिए गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में अब खाप भी लंगर सेवा में जुट गई है गुरुवार को उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के सुल्तानपुर हटाना गांव की दावत के सदस्यों ने यहां लंगर लगाया पूरे गांव के सहयोग से लंगर के लिए खाद्य सामग्री जुटाई गई है.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि खापों के सहयोग से आंदोलन को नई ऊर्जा मिल रही है 28 जनवरी के बाद से बॉर्डर पर खापों के प्रतिनिधि मंडल लगातार आ रहे हैं वह अपने साथ किसानों के लिए खाने का सामान व अन्य जरूरी सामग्री लाते हैं हां के अलावा भी गाजियाबाद हापुड़ बुलंदशहर अलीगढ़ गौतम बुध नगर बागपत शामली मेरठ मुजफ्फरनगर अमरोहा संभल मुरादाबाद आदि जिलों से आने वाले किसानों के सभी ट्रैक्टर लेकर आंदोलन स्थल पर लगातार पहुंच रहे हैं.
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आंदोलन को लंबा खिंचता देख किसानों ने गर्मी को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है इसी को लेकर किसान संगठनों ने सीमा पर लगाने के लिए वाटर कूलर के साथ मच्छरदानी प्लास्टिक की सीट और गर्मी वाले तंबुओं का भी इंतजाम करना शुरू कर दिया साथ ही में भाषण को दूर तक सुनाने के लिए 10 एलईडी स्वयंसेवक स्थल पर लगाकर गश्त के अलावा यातायात प्रबंधन और रात के वक्त सभी गतिविधियों पर नजर रखेंगे. स्वयं सेवकों की पहचान आसानी से हो सके इसलिए उन्हें जैकेट और पहचान पत्र भी दिए जाएंगे आपात स्थिति में एंबुलेंस के आने जाने के लिए रास्ते को तैयार करने के साथ ट्रैफिक प्रबंधन का काम भी स्वयंसेवक करेंग