दिल्ली: (Delhi) नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन को लगभग तीन महीने हो गए हैं. मौसम में भी बदल आ रहा है. गर्मी से बचने के लिए किसानों ने अपनी ट्रॉलियों व टेंट में पंखे लगाना शुरु कर दिया है. लंगरों में अभी चाय की जगह मट्ठा मिलने लगा है. पंडालों को हवादार बनाने के लिए उन्हें दोनों तरफ से खोला जा रहा है.
गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसानों का कहना है कि प्रदर्शनस्थल पर गर्मी से बचने के तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं. ठंड के चलते हर जगह से बंद किए गए पंडाल को खोला जा रहा है, जिससे लोगों को ताजी हवा मिल सके और गर्मी से निजात मिल सके. किसानों ने अपने ट्रैक्टर व ट्रॉलियों में लटकने वाले पंखे लगाना शुरु कर दिया है. काफी संख्या में किसान उनके पास कूलर व पंखे लेकर पहुंच रहे हैं.
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वहीं पंखे व कूलर मुहैया करवान के लिए सर्वे करना शुरु कर दिया गया है. सर्वे पूरा होने के बाद किसानों को पंखे व कूलर उनके जत्थों के लिए मुहैया करवाएंगे. एक किसान का कहना है कि गांव से जो किसान अब आ रहे हैं वो अपने साथ पंखे, चटाई व खाने का सामान साथ लेकर आ रहे है. यह सभी तैयारी इसलिए की जा रही है, जिससे गर्मी के मौसम में कोई परेशानी न हो और आंदोलन लंबा चल सके.