दिल्ली: उत्तर प्रदेश में 9 फरवरी को हुए कासगंज सिपाही हत्याकाण्ड का मुख्या आरोपी मोती धीमर शराब माफिया को पुलिस ने रविवार को एनकाउंटर में मार गिराया. उसके पास से घायल दरोगा का पिस्तौल भी बरामद हुआ है. बता दें कि बीते 9 फरवरी को कासगंज में एक दरोगा और सिपाही को शराब माफिया ने बंधक बनाकर लहूलुहान हालत तक पीटा था, जिसकी वजह से सिपाही की मौत हो गयी थी. मोती ढीमर ने अपने भाइयों और साथियों के साथ मिलकर पुलिसकर्मियों को निर्वस्त्र करके पीटा था.
पुलिसवालों के साथ की थी बर्बरता
पुलिसकर्मियों पर बर्बरता की सारी हदें पार करी और उन्हें लाठी और लोहे के भाले के प्रहार से घायल कर दिया गया था. सूचना पर पहुंची पुलिस ने लहूलुहान हालत में मिले दरोगा अशोक पाल और सिपाही देवेंद्र को अस्पताल भिजवाया था, जहां उपचार के दौरान गंभीर रूप से घायल सिपाही देवेंद्र ने दम तोड़ दिया था. और दरोगा अशोक पल को गंभीर हालत में अलीगढ़ भेज दिया गया था, जहाँ उनका इलाज हुआ.
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12 दिन बाद हासिल हुई कामयाबी
इस घटना के बाद STF की पांच टीमों समेत पुलिस और SOG की कुल 12 टीमें गठित की गईं थीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डीजीपी एचसी अवस्थी इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे थे. 12 दिन बाद पुलिस को एक मुखबिर की सूचना के बाद ये बड़ी कामयाबी हासिल हुई है.
इस पूरे मामले में अभी तक मोती धीमर से जुड़े 4 लोग जेल जा चुके है और एक आरोपी मारा जा चूका है, बता दें कि पुलिस ने कार्रवाई करते हुए घटना की सुबह ही मुख्य आरोपी मोती धीमर के भाई एलकार को मुठभेड़ में मार दिया था. साथ ही, उसके मौसेरे भाई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उसके बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी की मां को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। घटना के 8 दिन बाद पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
इस घटना में शामिल मोती के साथ दो अन्य आरोपी अभी तक फरार हैं, पुलिस अधीक्षक (SP) मनोज सोनकर का कहना है कि फरार आरोपियों पर कानून का शिकंजा जल्द कस के गिरफ्तार कर लिया जाएगा