दिल्ली: दिल्ली के बंगला साहेब गुरूद्वारे के किचन में लगेगी रोटी बनाने वाली मशीनें, जिसके बाद 1 घंटे में 8 हजार रोटियां बनके तैयार होंगी. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (डीएसजीएमसी) के किचन को पूरी तरह से करने ऑटोमेटिक बनाने की तैयारी कर रही है. अब लोगों को गुरूद्वारे में मशीन से तैयार लंगर खाने को मिलेगा. डीएसजीएमसी का किचन 30 जनवरी को शुरू होने जा रहा है. डीएसजीएमसी के अध्यक्ष मंजीत सिंह सिरसा ने बताया की गुरुद्वारा बंगला साहेब के लंगर हॉल में स्थापित किया जा रहा ऑटोमेटिक किचन देश में पहला इतना बड़ा गुरूद्वारे का आटोमेटिक किचन होगा. बांग्ला साहेब से पहले इतना बड़ा ऑटोमेटिक किचन कही भी नई बनाया गया है.
मंजीत सिंह ने बताया की बांग्ला साहेब में रविवार वाले दिन एक से डेढ़ लाख श्रद्धालु आते हैं, और गुरु पूरब के अवसर पर कुल 8 लाख लोग से जयदा श्रद्धालु आए थे. श्रद्धालुओं की अधिक संख्या होने की वजह से हम लंगर तैयार करने के लिए ये किचन तैयार कराया है. जिसमें आटा गूंथने से लेकर दाल बनाने, सब्जी धोने व रोटी बनाने लिए अलग-अलग मशीनें लगाई जा रही हैं.
उनका कहना है की ऑटोमेटिक किचन की ये विशेषता है, इसमें पहले के मुताबिक एक चौथाई समय में लंगर तैयार हो जाएगा. इसमें 20 मिनट में 500 लीटर दाल तैयार की जा सकेगी, वही दूसरी तरफ 1.5 क्विंटल आटा एक साथ गूँथा जा सकता है. जबकि दो मशीनों द्वारा 1 घंटे में 8 हजार रोटियां बनाई जाएंगी. गुरुद्वारा के प्रबंधक परमजीत सिंह चंडोक ने बताया की अभी तक गुरूद्वारे में सुबह लंगर में देने वाली दाल बनाने की प्रक्रिया रात से शुरू कर दी जाती है. जिसे धीमे आंच में 4 से 6 घंटे में पकाया जाता है. किचन के मॉडन हो जाने से जल्द दाल तैयार हो जाएगी.
अभी एक टाइम के लंगर को तैयार करने में 50 सवेदार जुटे रहते हैं. लेकिन इस ऑटोमेटिक किचन को सिर्फ 3 सवेदार ही संभालेंगे.