दिल्ली: स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी को इंदौर जेल से रिहा कर दिया गया है. धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में फारूकी एक महीने से ज्यादा समय से जेल में थे. इंदौर जेल से फारूकी को आधी रात के बाद रिहा किया गया. फारूकी को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी थी. शीर्ष अदालत ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली फारुखी की याचिका पर मध्य प्रदेश पुलिस को नोटिस जारी किया और प्रयागराज के एक कोर्ट की ओर से जारी किए गए प्रोडक्शन वारंट पर रोक लगा दी थी. सुरक्षा के लिहाज से फारूकी को रविवार को तड़के सुबह मेन गेट की बजाय देल के दूसरे दरवाजे से निकाला गया.
जेल मैनुअल के विरूद्ध फारूकी को आधी रात के बाद रिहा किया गया जबकि मैनुअल के अनुसार कैदियों को शाम 7 बजे के बाद रिहा नहीं किया जाता है. दरअसल शनिवार शाम को फारूकी के वकील ने इंदौर सेंट्रल जेल की कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना बताया. फिर देर रात प्रयागराज मामले में जेल प्रशासन के स्टे ऑर्डर मिला, जिसके बाद मुनव्वर फारूकी की रिहाई हुई.
लेकिन फारूकी की समस्या कम नहीं हुई है. इंदौर मामले में जमानत के कागजात जेल प्रशासन को दिए तो जेल प्रशासन ने उन्हें इंदौर मामले में रिहा कर दिया, लेकिन प्रयागराज मामले में कॉमेडियन को रिहा नहीं किया और उन्हें प्रयागराज भेजने तैयारी शुरू कर दी.
बीजेपी विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ के पुत्र एकलव्य सिंह गौड़ की शिकायत के बाद फारुकी और चार अन्य लोगों को मध्य प्रदेश पुलिस ने 1 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया था. विधायक पुत्र का आरोप था कि शहर के एक कैफे में एक जनवरी की शाम आयोजित इस कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गोधरा कांड को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई थीं. इसके बाद फारूकी को न्यायिक हिरासत में लिया गया .