दिल्ली: (Delhi) किसान आंदोलन के चलते सरकार और ट्विटर के बीच विवाद शांत नहीं हो रहा है. ट्विटर ने भारत सरकार के कहने पर कुछ अकाउंट पर रोक तो लगाई, लेकिन आईटी मिनिस्ट्री ने साफ तौर पर 257 ट्विटर हैंडल को हटाने की बात कही है. इससे पहले Twitter की तरफ से 1178 हैंडल्स को हटाने के लिए कहा था. इस ट्विटर ने बताया था कि 500 से ज्यादा सस्पेंड कर दिए हैं.
दरअसल बुधवार को एक ब्लॉग पोस्ट में माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने कहा कि नागरिक समाज के कार्यकर्ताओं, राजनीतिज्ञों व मीडिया के ट्विटर हैंडल को ब्लॉक नहीं किया गया है. ऐसा करने से अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार की अवहेलना होगी. सरकार की तरफ से जवाब में कहा गया कि अभिव्यक्ति की आजादी और आलोचना का अधिकार का हम आदर करते हैं, लेकिन अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर सरकार के विरुद्ध नरसंहार करने के शब्दों व हैशटेग के अनुचित इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जा सकती है.
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दिल्ली के बॉर्डरों पर धरने दे किसान सरकार से लगातार एक ही मांग कर रहे हैं कि ये तीनों कानून वापस हों. एक तरफ सरकार भी दी कानून वापस न लेने की बात कह रही है तो वहीं किसान भी मानने को तैयार नहीं. ऐसे में ये आंदोलन सोशल मीडिया के जरिए भी काफी छाया हुआ है. किसानों के विरोध प्रदर्शन को विदेशों से भी समर्थन मिल रहा है, जिसे लेकर सरकार नाराजगी जाहिर कर चुकी है. अब सरकार ने ट्विटर को नफरत भरे अकाउंट और हैशटेग को हटाने का आदेश दिया है.