दिल्ली (Delhi). मराठा आरक्षण पर हो रही सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में आरक्षण को लेकर पुनर्विचार करते हुए सभी राज्यों को नोटिस जारी किया. जिसमें SC ने सभी राज्यों से पूछा है कि क्या आरक्षण की सीमा 50% से ज्यादा बढ़ाई जा सकती है?
जानकारी के मुताबिक मराठा आरक्षण के मसले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई. पांच जजों की बेंच इस मामले को 18 मार्च तक सुनेगी. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरक्षण के मामले पर सभी राज्यों को सुना जाना जरूरी है. इसके साथ ही उन्होंने सभी राज्यों को नोटिस जारी करते हुए पूछा कि क्या 1992 के इंद्रा साहनी मामले में संविधान पीठ के आरक्षण सीमा को 50 फीसदी करने के फैसले पर फिर से विचार किया जा सकता है? इसी के साथ ही सुनवाई को अब 15 मार्च तक के लिए टाल दिया गया है.
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान में तैनात चीनी राजनयिक के ट्वीट पर बवाल, आवाम ने की उचित कार्रवाई की मांग
बता दें कि सोमवार को सुनवाई के दौरान वकील गोपाल शकंरनारायण ने बताया गया कि आरक्षण के मसले पर कई राज्यों की ओर से मुद्दे उठाए गए हैं, जो अलग-अलग विषयों पर हैं. आरक्षण से जुड़े अलग-अलग केस हैं, जो इस मामले से जुड़े हैं. इसके अलावा वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि इस मामले में आर्टिकल 342 A की व्याख्या भी शामिल है, जो सभी राज्यों को प्रभावित करेगा. इसलिए एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें सभी राज्यों को सुनना चाहिए, सभी राज्यों को सुने बिना इस मामले में फैसला नहीं किया जा सकता है.