बिहार में कच्ची शराब पीने से हाल ही में तीन दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में बिहार में शराबबंदी के नीतीश सरकार के फैसले पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं। विपक्ष का आरोप है कि जदयू का यह फॉर्मूला फेल हो चुका है, क्योंकि इसके तहत सिर्फ आम आदमियों पर कार्रवाई होती है, जबकि शराब माफिया फल-फूल रहे हैं। इस बीच बिहार पुलिस ने शराबबंदी में कार्रवाई के आंकड़े जारी कर दिए हैं। इसमें बताया गया है कि इस साल जनवरी से अक्तूबर के बीच 49 हजार 900 मामले दर्ज हुए।
बिहार पुलिस के मुताबिक, शराबबंदी के नियमों के तहत इस साल छापेमारी कर 38 लाख 72 हजार 645 लीटर शराब जब्त की गई। इसमें 12 लाख 93 हजार 229 लीटर देशी शराब थी, जबकि 25 लाख 79 हजार 415 लीटर विदेशी शराब थी। इसके साथ ही करीब 62 हजार 140 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से 1590 लोग बिहार के बाहर के थे। पुलिस का कहना है कि शराब ले जा रहे 12 हजार 200 वाहनों की भी जब्ती की गई।