दिल्ली (Delhi). किसान आंदोलन आए दिन नए मोड़ ले रहा है. 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद से लगातार किसान आंदोलन चर्चा में बना हुआ है. अब किसानों के सरमर्थन में अन्ना हजारे भी सामने आ गए हैं. अन्ना हजारे ने किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए आमरण अनशन करने का एलान कर दिया है. उन्होंने 30 जनवरी से अनशन की शुरूआत करने का एलान किया है.
वहीं अन्ना को मनाने के लिए सरकार पूरी कोशिशें कर रही है. केंद्रिय मंत्री कैलाश चौधरी रालेगण सिद्धि जा रहे हैं. सरकार की पूरी कोशिश है कि अन्ना अपना आमरण अनशन टाल दें. इससे पहले भी अन्ना को मनाने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हरीभाऊ बागडे, पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, भाजपा नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल, अहमदनगर के सांसद सुजय विखे पाटिल समेत अन्य नेता रालेगण सिद्धि पहुंच चुके हैं.
जानकारी के मुताबिक, अन्ना हजारे रालेगण सिद्धि स्थित यादव बाबा मंदिर में आमरण अनशन की शुरुआत करेंगे. अन्ना ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि पिछले चार साल से किसानों की महत्वपूर्ण मांगों पर आंदोलन कर रहा हूं. कई बार देश के प्रधानमंत्री और कृषिमंत्री के साथ पत्राचार हुआ लेकिन सरकार ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया. यह किसानों के प्रति सरकार की असंवेदनशीलता है. वे पहले भी अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख चुके हैं. अन्ना स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों और एमएसपी की मांग पर अड़े हुए हैं. उनकी मांग है कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें, कृषिमूल्य आयोग को संवैधानिक दर्जा या स्वायत्तता, कृषि उपज को लागत का 50 फीसदी अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) दिया जाए.