कटनी। प्रकाश पर्व की रौनक से जहां नगर-कस्बों की बाजारें चकाचौंध बिखेर रहीं। तो वहीं गरीबी की मार झेल रहे उचेहरा गाँव में कई ऐसे बच्चे भी अपने ही शहर में जगह-जगह खिलौने-पटाखे और छोटे सामानों को बेचने को मजबूर है। जिनकी उम्र अभी घर-गृहस्थी संभालने की जगह पढ़ाई करने की और खेलने-कूदने है।
लेकिन गरीबी की मार झेल रहे यह बच्चे अपने हम उम्र साथियों के साथ खेलने के बजाय उनके लिए खिलौने बेचकर घर में दीपावली अच्छी मना सके।
सब्जी मंडी में कई बच्चे दीपावली का सामान बेचते हुए नजर आए
बच्चों ने पूछने पर बताया कि जब से दीवाली की आहट हुई है तब से वह ऐसे ही दुकान लगाकर रुपये कमा रहे हैं। रामू ने बताया कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए वह दीवाली को मनाने के लिए दीये व खिलौने बेचकर पैसे एकत्र कर रहा है। तो वहीं सीता कहती है कि दीपावली की दीये, मिट्टी के खिलौने, कच्ची रुई और पूजन के दूसरे पारंपरिक सामान बेचा जा रहा है।
कई दिनों से दुकान लगाकर वह सामान बेच रहे हैं। संकट मोचन चौराहे के पास भी कुछ बच्चे रुई और दीये बेचते दिखे।
बच्चों का कहना था कि सामानों की बिक्री करने के बाद जुटाई गई रकम को घर-गृहस्थी चलाने के लिए अपने मां-बाप को दे देंगे।
यह बात और है कि गरीबी से लड़ने का जज्बा दिखाकर बच्चों ने घर के लोगों की मुश्किलें आसान कर दी, लेकिन शहर में इस तरह के कई बच्चे रुई बेचते हुए नजर आते हैं। सब्जी मंडी गल्ला मंडी मुख्य बाजार समेत विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे दर्जनों बच्चे पढ़ने और खेलने की उम्र में सामानों की बिक्री करते देखे गए।